Song parody of
Shree Ramchandra Kripalu Bhajman
by Anuradha Paudwal
Here's where you get creative! Use our cool song parody creator to make a totally new musical idea and lyrics for the Shree Ramchandra Kripalu Bhajman song by Anuradha Paudwal.
Simply click on any word to get rhyming words suggestion to use instead of the original ones. You may also remove or alter entire lines if needed — when you're done save your work and share it with our community — have fun!
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं
रघुनन्द आनन्द कन्द कोसल चन्द दशरथ नन्दनं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं
मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम श्री राम, श्री राम श्री राम, श्री राम
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं
भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं
रघुनन्द आनन्द कन्द कोसल चन्द दशरथ नन्दनं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदार अङ्ग विभूषणं
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं
मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
नव कञ्ज लोचन कञ्ज मुख कर कञ्ज पद कञ्जारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं
श्री राम, श्री राम श्री राम, श्री राम श्री राम, श्री राम