Song parody of
Kuch Naa Kaho
by Sadhana Sargam
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Simply click on any word to get rhyming words suggestion to use instead of the original ones. You may also remove or alter entire lines if needed — when you're done save your work and share it with our community — have fun!
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
सब मेरे दिन सब रातें
तुम्हारे ख्यालों में रहते हैं गुम
केहनी है तुमसे जो बातें
बैठो ज़रा अब सुन भी लो तुम
क्या मेरे ख्वाब हैं क्या है मेरी आरज़ू
तुमसे ये दास्ताँ क्यूँ ना कहूँ रूबरू
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो (हो हो)
हो जज़्बात जितने हैं दिल में
मेरे ही जैसे हैं वो बेज़बां
जो तुमसे मैं केह ना पायी
केहती है वो मेरी खामोशियाँ
सुन सको तो सुनो वो जो मैंने कहा नहीं
सच तो है केहने को अब कुछ रहा नहीं
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
सब मेरे दिन सब रातें
तुम्हारे ख्यालों में रहते हैं गुम
केहनी है तुमसे जो बातें
बैठो ज़रा अब सुन भी लो तुम
क्या मेरे ख्वाब हैं क्या है मेरी आरज़ू
तुमसे ये दास्ताँ क्यूँ ना कहूँ रूबरू
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो (हो हो)
हो जज़्बात जितने हैं दिल में
मेरे ही जैसे हैं वो बेज़बां
जो तुमसे मैं केह ना पायी
केहती है वो मेरी खामोशियाँ
सुन सको तो सुनो वो जो मैंने कहा नहीं
सच तो है केहने को अब कुछ रहा नहीं
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
हल्की हल्की मुलाकातें थीं
दूर दूर से बातें थीं
धीरे धीरे क्या हो गया है मैं क्या कहूँ
क्यूँ लड़खड़ाई धड़कन
क्यूँ थरथराये तन मन
क्यूँ होश मेरा यूँ खो गया है मैं क्या कहूँ
कुछ ना कहो कुछ ना कहो
कुछ ना कहो कुछ ना कहो