जाने अनजाने कैसे रस्ते निकल गये हमे बस छोड़ सब..के रस्ते लग गये .. जाने अनजाने कैसे रस्ते निकल गये हमे बस छोड़ सबके रस्ते लग गये छोड़ी सब शरम, हमने खाई है कसम रात हुई शुरू, सबकी बोतलें खत्म एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे..... . .... एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे, हेप्पी रोज डे माँ का दिया काम ये कभी न करेंगे बेबी पे पाॅकेट मनी खर्च करेंगे बेबी ने इनको जब ठेंगा दिखाया रात भर दिल में तसल्ली भरेंगे रोज डे खतम, वेलेन्टाईन्स डे बाकी आया दूसरा ते..री गयी बारी छोड़ी सब शरम, हमने खाई है कसम रात हुई शुरू, सबकी बोतलें खत्म एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे..... एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे, हेप्पी रोज डे लाख रुपए खर्च किए एक रिंग में लोन की, किस्त पूरी साल भरेंगे किस वाले दिन तुम्हें ये घास न डाले वेलेनटाइन्स डे ये न बात करेंगे सटर्डे शुरू ,हुआ फ़्राईडे खत्म तू न अकेला, है तेरे संग हम छोड़ी सब शरम, हमने खाई है कसम रात हुई शुरू, सबकी बोतलें खत्म एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे..... एक हमे छोड़ सब हुये गुलाम बाबू बोले हेप्पी रोज डे हेप्पी रोज डे, हेप्पी रोज डे
Written by: Utkarsh Kumar Tiwari
Submitted by: utkarsh_k on July 22, 2020
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